बादलों के दो आँसुओं ने ऋतुओं का पैग़ाम लिख दिया,
✒️ लेखन: अनु चंद्रशेखर
कविता के पीछे की भावना:
प्रकृति के बदलते रूपों में छिपी भावनाओं को जब ध्यान से देखा जाए, तो हर बूंद, हर ऋतु एक संवाद बन जाती है — दिल और धरती के बीच। यह कविता उसी मौन संवाद का काव्यात्मक चित्रण है।
💖मन की बात:
यह कविता केवल बादलों की नहीं — यह उन भावनाओं की भी है, जो हर मौसम के साथ हमारे भीतर करवट लेती हैं। जब बूँदें गिरती हैं, तो सिर्फ़ धरती नहीं भीगती — मन भी भीग जाता है… कभी यादों में, कभी उम्मीदों में।
आप क्या महसूस करते हैं बारिश की पहली बूंद में? 💧
क्या वो बचपन की कोई याद जगाती है, या भीतर कोई सुकून भर जाती है?
💭 भावनात्मक झलक:
यह कविता प्रकृति की कोमल अभिव्यक्ति है — जो बूँदों के ज़रिए ऋतुओं का गीत गाती है। हर बदलता मौसम, हर गिरती बूंद मानो एक प्रेमपत्र है — धरती के नाम।
💧 आपकी अनुभूति क्या कहती है?
क्या आपने कभी किसी ऋतु को किसी भावना से जोड़ा है?
👇 अपनी सोच और अनुभव टिप्पणियों में ज़रूर साझा कर
📚 पढ़ने के लिए कुछ और रचनाएँ:
इन खास लेखों को पढ़िए और अपने मन की गहराइयों को थोड़ा और महसूस कीजिए।
🔗 Vibrant Essence और अभिव्यक्त अनुभूति से:
"नारी अंतर्मन का मौन राग" https://abhivyaktanubhuti.blogspot.com/2025/03/blog-post_24.html
"क्षणिक लहरें, शाश्वत जीवन" https://abhivyaktanubhuti.blogspot.com/2025/03/blog-post_25.html
“Sunlit Horizons and Moonlit Souls” Human Experience https://observations.in/sunlit-horizons-and-moonlit-soulshuman-experience/
Fairyland Dream: A Poetic Journey into a Magical World https://observations.in/fairyland-dream-a-poetic-journey-into-a-magical-world/
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें